रोज़ रोज़ की प्रशानिक अधिकारीयों की मीटिंग का क्या नतीज़ा निकल रहा है ?
क्य़ा आप्रेशन सवेरा देवबंद थाना क्षेत्र मे सफल हो सकता है ?
चवन्नी अठन्नी के नशा तस्करों के अलावा अभी तक कोई बड़ी मचली या मगरमच्छ को पकड़ने मे सफ़लता नही मिल सकी है
देवबंद । आज के समय में देश की राजनीति का असर पत्रकारिता जगत और ईमानदार प्रशानिक अधिकारीयों की कार्य प्रणाली मे भी ख़ूब देखने को मिल रहा है न्याय की उम्मीद लिए पीड़ितों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने मे प्रती दिन इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है यही ईमानदार प्रशासन की कार्य प्रणाली है जिसके लिए चिंटू प्रशासनिक अधिकारियों के चरणों मे बिछे जा रहे हैं ।
हाल मे युवाओं के भविष्य को मद्देनजर रखते हुए आप्रेशन सवेरा अभियान चलाया जा रहा है परंतु युवाओं को नशे के दलदल से निकालने के लिए आप्रेशन सवेरा के अंतर्गत एक भी जागरूक कैंप पूरे नगर देवबंद मे कहीं नहीं लगाया जिस से लोगों को नशे के कारण होने वाले अपराध और शारीरिक समस्याओं के बारे मे जागरूक किया जा सके अब आप समझ सकते हैं कि आप्रेशन सवेरा का सवेरा कब होगा ।
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आप सभी नगर वासियों को बखूबी मालूम ही है कि देवबंद नगर मे अवैध नशा तस्करों की भरमार मे आप्रेशन सवेरा के अंतर्गत कितने तस्करों को जेल भेजा गया है जहां करोड़ों रुपये के अवैध नशे के कारोबार चर्म पर है वहां पुलिस प्रशासन को चवन्नी और अठन्नी के नशा तस्करों को पकड़ मे पसीने छूट गए हैं क्युकि बड़े बड़े मगरमच्छों को पुलिस के मुखबिर और दलाल बखूबी जानते हैं मगर वो सभी आप्रेशन सवेरा के अंतर्गत नही आते हैं ।
आप सभी नगर वासियों को बीते सालों मे अनेकों बार खबरों के प्रकाशन के माध्यम से जितने भी अवैध नशा तस्करों के गैंग की जानकारी हमने साझा की थी उनमे से किसी एक को भी जैल की हवा खिलाने मे अभी तक सफलता हासिल नही की है मंगलौर चौकी क्षेत्र हो या रैल चौकी क्षेत्र ख़ानक़ाह चौकी क्षेत्र सहित क्षेत्र के ग्रामिण इलाकों मे भी अवैध नशा यानी सूखे नशे के काले कारोबार कभी थामने का नाम नही ले रहे पहले की तरह तस्कर अपने स्थान बदल रहे हैं ।
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देवबंद क्षेत्र का बच्चा बच्चा जानता है कि कुछ ईमानदार पुलिसकर्मियों की ईमानदारी के चलते नगर के कोने कोने मे अवैध नशा तस्करों दबदबा क़ायम रहेगा देवबंद नगर मे जितने राष्टीय और स्थानीय पेपर नही बिकते उस से केई गुना ज़ियादा हर पान के खोके पर रखा गोगो पेपर बिक जाता है जिस पर लिखा भी कुछ नही होता और क़ीमत भी हर राष्टीय अख़बार से दो गुना है देवबंद के हर चौक और खोके पर बिकने वाला ये पेपर बताता है कि नशा तस्करों का काला कारोबार निरंतर जारी है ।
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वहीँ बात करें तो ईमानदारी से अपने फर्ज़ को अंजाम देने वालों मे एसे पुलिसकर्मियों की कोई कमी नहीं है जो सालों सालों से लगातार चोकीयों और थाने मे तैनात हैं सभी अच्छे बुरे लोगों से व थाने और चौकियों के दलालों सहित नशा तस्करों को संरक्षण देने वालों से बखूबी वाकिफ़ हैं दिलचस्प तो य़ह है कि पुलिस कर्मियों की ईमानदारी के चलते नशा तस्करी के बड़े बड़े मगरमच्छ सुरक्षित रह्ते हैं तो एसे मे रोज़ रोज़ की मीटिंग और आप्रेशन सवेरा के माध्यम से समाज मे नशा मुक्ति का सवेरा लाना किसी सूरत सम्भव नही है।
रिपोर्ट - दीन रज़ा
साप्ताहिक बाजार लगाने के बुहत से स्थान देवबंद मे मौजूद हैं