बुद्ध बाजार को लेकर विवाद मे क्या जांच करेगी नगर पालिका देवबंद
- सभासदों के ज्ञापन पर पीठ बाजार की व्यस्था को पूर्व की तरह क्या बहाल कर सौहार्द का संदेश दे पाएंगे एसडीएम देवबंद
- साप्ताहिक पीठ बाजार से नगर पालिका देवबंद खुद दुकानदारों से वसूले गए धन मे करती है भ्रष्टाचार.. सूत्र
- नाम मात्र ही नगर पालिका के ख़ज़ाने मे पहुँच पाती है दुकानदारों से वसूली गई राशि
देवबंद। नगर पालिका सभासदों ने नगर मे लगने वाले साप्ताहिक बाजार बुद्ध बाजार को इसी सप्ताह लगवाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम देवबंद को दिया है बताया गया है कि 1954 से देवबंद में उसी जगह पर साप्ताहिक बाजार लगता आ रहा है जिस से अनेकों परिवारो का पालन पोषण और रोज़गार जुड़ा हुआ है।
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बता दें कि बीते दिनों बच्चों के विवाद को लेकर हिन्दू संगठनों ने इस सप्ताह बाजार नही लगने दिया था जिस कारण रोज़ी रोटी के लिए बाहर से आने वाले दुकानदार निराश ही अपना सामान लेकर वापस अपने घर लौट गए थे साथ ही मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली आने वाले चार सप्ताह बाजार नही लगने दिया जाएगा जिसको मद्देनजर रखते हुए सभासदों ने एसडीएम देवबंद को ज्ञापन सौंपा और पीठ को लगवाने की मांग की।
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सोशल मीडिया पर वायरल ख़बर के अनुसार ज्ञापन लेने के बाद एसडीएम देवबंद ने नगर पालिका देवबंद को जांच के आदेश दिए हैं मगर इसका उल्लेख नही मिला कि नगर पालिका किस प्रकार की जांच करेगी मगर हमारी जांच मे जो सामने आया वो अधिक चौंकने वाला है पीठ बाजार से ठेका वसूली से नगर पालिका का ख़जाना कम और भ्रष्टाचारियों की तिजोरीयां ज़्यादा भर रही हैं क्या इसकी जांच नगर पालिका देवबंद करेगी।
देवबंद के साप्ताहिक बाजार मे आने वालों दुकानदारों की अनुमानित संख्या 500 से अधिक है फिर भी जानकरी मिली है की नगर पालिका देवबंद से सभी दुकानदारों से मात्र 1500 या इस से कुछ अधिक ही राशि का कलेक्शन कर पाती है या बस ये काग़ज़ों मे दिखाने के लिए ही है दुकानदारों का कहना है कि प्रती दुकानदार से दुकान के साईज से मुताबिक़ 50 या इस से अधिक रूपय की भी रसीद काटी जाती है।
रिपोर्ट - दीन रज़ा