सीर्फ मदरसे के छात्र छुट्टियों पर जाते हैं अतिक्रमण कहीं नही जाता
- ख़ानक़ाह पुलिस चोकी क्षेत्र अवैध अतिक्रमणकारियों का शुरू से ही सुरक्षित ठिकाना रहा है
- अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए देवबंद क्षेत्र मे कोई दूसरी रितु पुनिया कब आयेगी..?
देवबंद । हाल ही मे क़ुरबानी के त्यौहार ईद उल अजहा के अवसर पर दारूल उलूम देवबंद सहित सभी मदरसों मे अवकाश होता है जिसने अधिकतर छात्र अपने घरों को जाकर अपनों के साथ ईद उल अजहा की खुशियों को साझा करते हैं लेकिन देवबंद नगर का चांदनी चौक यानी दारूल उलूम चौक मे इस से सन्नाटा पसर जाता है ।
दारूल उलूम क्षेत्र के रास्ते सुनसान और चौक विरान नजर आने लगते हैं हालांकि ये ज्यादा दिन तो नही रेहता है लेकिन फिर भी हम इस और आपका ध्यान इस लिए भी आकर्षित करना चाहते हैं कि ख़ानक़ाह पुलिस चौकी क्षेत्र से अगर कोई एसी चीज़ है जो नहीं हटाई जा सकती है तो वो मेरे ख्याल से अवैध अतिक्रमण ही हो सकता है क्यूँ की ईद उल अजहा के अवकाश मे भी सिर्फ़ मदरसे के छात्र ही अपने घर जाते हैं अवैध अतिक्रमण नही।
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मदरसा छात्रों की जेब पर डाका डालने वाले ये अवैध अतिक्रमणकारी कितना चूना बेचारे छात्रों को लगा देते हैं इसका आप कोई अनुमान नही लगा सकते हैं सारा रिजेक्ट हुआ प्रोडक्ट इन्हीं अवैध अतिक्रमण वाली दुकानों से छात्रों को मोटी कीमत वसूल कर बेंच दिया जाता है यहां हर कोई चूना लगाने मे रिकॉर्ड स्थापित करने की फ़िराक़ मे है जितने फूड के ठेले और दुकाने हैं 80% के पास फ़ूड लाइसेंस नही है बड़ी बड़ी दुकानों पर पक्का बिल नहीं है।
इसके लिए आपको देवबंद क्षेत्र के फ़ूड अधिकारी का आभारी होना चाहिए कि आपको पूरी आज़ादी है जो भी तेल मे फ्राई करके आप मदरसा छात्रों को चाहो खिला सकते हो कोई छात्रों को खिलाए जा रहे फ़ूड की चेकिंग करने ख़ानक़ाह पुलिस चौकी क्षेत्र मे तो नही आयेगा इसकी पूरी गारन्टी है वहीँ अवैध अतिक्रमण कर रेडी पटरी पर कपड़ा बेंचने वाले भी छात्रों को चूना लगाने मे खूब माहिर हैं गला हुआ रिजेक्ट कपड़ा आसानी से छात्रों को बैंच दिया जाता है लेकिन इसके लिए कपड़ा मंत्री को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता है।
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इस सब की जड़ हम आपको बता चुके हैं कि ख़ानक़ाह पुलिस चोकी क्षेत्र मे बढता अवैध अतिक्रमण छात्रों सहित नगर वासियों की जेब और सेहत दोनों के लिए हानिकारक है लेकिन मजाल है कि कोई भी प्रशासनक अधिकारी इस अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए प्रयासरत हो विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो नगर के कुछ बुद्धिजीवी ही आला अधिकारियों को गुमराह करते चले आ रहे हैं वो नहीं चाहते हैं कि देवबंद नगर के दारूल उलूम क्षेत्र के सभी रास्ते अतिक्रमण मुक्त हों यदि एसा हुआ तो ना जाने कितने समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों के चूल्हे ठण्डे हो जाएंगे। शेष क्रमशः
रिपोर्ट - दीन रज़ा