14 करोड़ के इंजेक्शन ने बचाए भूदेव के प्राण, स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी टाइप वन से पीडि़त था बच्चा
- सहारनपुर के नागल क्षेत्र के अंकित शर्मा का बेटा डेढ़ वर्षीय भूदेव शर्मा स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी टाइप वन से पीडि़त था। जनसहयोग और स्वयंसेवी संस्थाएं मददगार साबित हुईं तो 14 करोड़ के इंजेक्शन से भूदेव की जान बचाई जा सकी। बता दें कि इस बीमारी की वजह से भूदेव की गर्दन से नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था।
सहारनपुर। स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी टाइप वन (एसएमए) बीमारी से जूझ रहे डेढ़ वर्षीय बालक भूदेव को 14 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया गया है। वह दिल्ली एम्स में आइसीयू में भर्ती है। चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगने के बाद अब उसे खतरे से बाहर बताया है। नागल क्षेत्र के अंकित शर्मा का बेटा डेढ़ वर्षीय भूदेव शर्मा एसएमए बीमारी से पीड़ित था। बच्चे की गर्दन से नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। स्वजन ने दिल्ली एम्स में जांच कराई तो बीमारी का पता चला।
चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे को जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगेगा, जिसकी कीमत साढ़े 17 करोड़ रुपये है। इस रकम को जुटाने के लिए स्वजन जगह-जगह संपर्क कर रहे थे। जनपद के जनप्रतिनिधियों ने भी भूदेव के स्वजन की आर्थिक मदद की। स्वजन ने कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से भी संपर्क किया। इंजेक्शन के लिए कुछ रियायत भी कराई गई। अमेरिका से आने वाला यह इंजेक्शन 14 करोड़ रुपये में लगा है।
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चिकित्सकों ने उसकी हालत में सुधार बताया है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक न्यूरो मस्कुलर डिसआर्डर है। इससे पीड़ित बच्चा धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है और चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है। वह मांसपेशियों की गतिविधियों पर अपना काबू खो देता है। चिकित्सकों ने भूदेव को छह माह का समय दिया था। उनका कहना था कि इस अवधि में इंजेक्शन लगना जरूरी है।