पत्रकारिता के आगे ईमानदारी ध्वस्त, ये लाएंगे कानून का राज

पत्रकारिता के आगे ईमानदारी ध्वस्त, ये लाएंगे कानून का राज 

  • कानून की किताब मे पीड़ित, आरोपी, अपराधी, मुल्जिम ,मुज़रिम , होता है या पत्रकार ?
  • दलालों का प्रवेश देवबंद थाने के मीडीया सैल के ग्रुपों मे भी वर्जित होना चाहिए
  • जुआरियों, सटोरियों, अवैध नशा तस्करों, खनन माफियाओं, मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वालों को संरक्षण देने के लिए ही क्य़ा पत्रकारिता का चोला पहने हुए हैं चिंटू 

देवबंद । आप सभी नगर वासियों ने बीते दिनों मे प्रशासन की ओर से कराई गई वाल पेंटिंग का अधूरा कार्य देखा ही होगा जिसमें बहुत सी दीवारो पर सिर्फ़ लाल और नीले रंग के अलावा कुछ नही है हो सकता है अधिकारीयों के नंबर पहले ही लिख दिए गए हों जो बाद मे लाल और नीले रंग के नीचे छिप गए हों ।

रोज़ रोज़ की प्रशानिक अधिकारीयों की मीटिंग का क्या नतीज़ा निकल रहा है ?

फिर भी थाने और चौकियों पर लिखी एक पेंटिंग जो सबसे ज़्यादा आकर्षित करने वाली है वो है थाने, या चोकी मे दलालों का प्रवेश वर्जित है तो सवाल उठता है क्य़ा अभी तक थाने और चौकियों मे दलालों का प्रवेश वर्जित ना होने के कारण दलालों का दबदबा बढता जा रहा था कितने दलाल कहां सेट थे इसका ब्यौरा सामने आना चाहिए थाने और चौकियों से कितने दलालों को नामजद कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है देश और क्षेत्र की जनता को पता चलना चाहिए ताकि क्षेत्र वासियों को पता तो चले अभी तक कौन कौन उनके बीच रह कर दलाली कर रहा था और किस किस ने मिली भगत से फ्रॉड कर कितने लोगों को ठगा है आप क्षेत्र वासियों को पता तो चले लेकिन दूसरा सवाल ये भी है कि क्य़ा थाने के मीडीया सैल के ग्रुपों मे दलाल एड रह कर ऑनलाइन घर से अपना काम कर सकते हैं या नही।

रिपोर्ट - दीन रज़ा

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