अवैध वसूली गैंग के दो मुख्य मास्टर माइंड कोन हैं ?

अवैध वसूली गैंग के दो मुख्य मास्टर माइंड कोन हैं ?

  • पटाखा छोड़ने वाली बंदूक को अवैध हथियार की तस्करी से जोड़ कर मामले को मीडिया मे तूल पकड़ वाने की धमकियां देकर पीड़ित को ठगने का प्रयास 50 हज़ार की रंगदारी मांगने का क्या ये मामला पहला है ? 

देवबंद। अवैध उगाही का नगर बनने के लिए भी वर्तमान स्थिति मे देवबंद क्षेत्र भी किसी से पीछे नही रहने वाला है अवैध उगाही करने मे अनेकों बार हमारी ओर से खबरें दिखाई गई हैं मग़र समय समय पर रंगदारी मांगने या अवैध उगाही की चर्चा क्षेत्र मे होनी लगती है बीते कुछ समय पहले देवबंद थाना अध्यक्ष रहे सूबे सिंह ने नगर के मशहूर दूध व्यापारी से रंगदारी मांगने वालों को जेल की हवा खिलाई थी मगर उसके बाद अनेकों रंगदारी और अवैध उगाही के मामले सामने आए हैं जिस पर एक एक कर इस ख़बर मे आपको जानने को मिलेगा। 

वही बड़ा सवाल ये भी है कि रसूखदारों से रंगदारी मांगने वाले जैल की हवा खा सकते हैं तो यही कानून आम नागरिकों की शिकायत पर कार्रवाई करने से क्यूं और किस के इशारे पर काम करने नही देता है साथ ही आपको यह भी जानकर आश्चर्य होगा कि नगर की मशहूर अवैध उगाही गैंग के दो मुख्य मास्टर माइंडों को आवारा सांड की तरह खुला छोड़कर आम जनता का उत्पीड़न करने दिया जाएगा काफी लंबे समय से एक ही पैटर्न पर काम करने वालों पर प्रशासन की इतनी दयाद्रष्टि क्यूं है ये अधिक चौकाने वाला होगा।

सबसे पहले आपको देवबंद देहात के जनप्रतिनिधी से हुए विवाद को याद करना चाहिए और देखना चाहिए कि पूरी घटना के मुख्य केंद्र मे मुख्य किरदार कोन था और शिकायती पत्र मे देवबंद क्षेत्र ग्राम के मुस्लिम पत्रकार का नाम था जिस प्रधान के साथ विवाद था वो अभी भी प्रधान है यानी इसी योजना का घटनाक्रम है दस बीस साल पुरानी बात नहीं है।

इसके थोड़े ही समय बाद कोलाबसती के मुस्लिम पत्रकार मुख्य चर्चा मे रहे मामला थमा ही था मुहल्ला पठानपूरा से पीड़ित देवबंद थाना अध्यक्ष को शिकायती पत्र देता है बताया जाता है कि अवैध वसूली गैंग के सदस्य ने थाना अध्यक्ष के नाम पर अवैध उगाही की है पैसे की वापसी होती है और समझोता लिखा जाता है ये सारी घटनाएं आपको इस लिए बताना पड़ा कि सारी घटनाओं के मुख्य केंद्र मे फंसने वाला पहला नाम मुस्लिम पत्रकार का है।

बस यही तो मास्टर माइंड प्लान है कि मुख्य किरदार इसको अपनी ढाल की तर्ज पर बीते केई सालों से लगातार ईस्तेमाल कर रहे हैं क्युंकी बात मुस्लिम पत्रकार पर आयेगी तो तुरंत धरना प्रदर्शन के लिए ख़बरें फ्लैश होने लगती हैं इसको प्रशासन पर अनावश्यक दबाव की नज़र से नही देखा जा सकता है चोली दामन का रिश्ता जो है लेकिन अगर प्रशासन अवैध उगाही गैंग को ज़रा सा भी छेड़ दो तो यह देवबंद पुलिस क्षेत्राधिकारी को तानाशाह साबित करने पर अड़ जाते हैं तो आम नागरिक को देश द्रोही साबित करना तो इनके लिए चुटकीयों का काम है। शेष क्रमशः 

रिपोर्ट - दीन रज़ा 










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