भिकारीयों की संख्या मे दूसरे नंबर पर है अपना उत्तर प्रदेश, दीन रज़ा
देवबंद। आज हम बात करेंगे समाज मे फेली एक गम्भीर समस्या जिसको लेकर समाज चिंतित तो होता है पर शायद उस पर बात करने की आवश्यकता ज़रूरी नही समझता साथ ही देवबंद के ही मोहल्ला बैरीयान की एक कवर स्टोरी बतायेंगे जो शायद आपको चौंकानेवाला होगा।
हम बात कर रहे हैं उसकी जिसको भिकारी कहते हैं और आज इस विषय को इस लिए चुना की प्रदेश के मुखिया पूरे हर्ष के साथ बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के युवाओं को इस्राइल मे निर्माण कार्यों के लिए भेजा गया है ये विदेश में रोज़गार करने का सुनहरा अवसर हो सकता है पर बात अपने उत्तर प्रदेश की करते हैं।
हाल मे प्रकाशित हुई मीडिया रिपोर्ट की माने तो अपना उत्तर प्रदेश भिकारीयों की संख्या मे दूसरे नंबर पर है प्रदेश मे 65 हज़ार 835 भिकारी हैं जबकि पूरे देश में 3.72 लाख भिकारी हैं दिलचस्प बात यह है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन देने बाद भी ये ग्राफ बढ़ रहा है।
देश मे 1.97 लाख पुरुष और 1.74 लाख महिलाएं भीखारी हैं आकड़ों की माने तो इनमे 55 हजार भिकारी एसे हैं जिनकी उम्र 19 साल से भी कम है वही 60 साल के अधिक आयु की संख्या के भी 1.43 लाख भीखारी है ये भी चौकाने वाला है कि इनमे 3 हज़ार से अधिक ऐेसे भी हैं जिनके पास कोई डिप्लोमा या डिग्री है।
बात मीडिया रिपोर्ट की हो और हिन्दू मुस्लिम ना हो एसा आज की पत्रकारिता मे सम्भव नही है तो आपको ये भी जानना चाहिए किस धर्म के कितने भिखारी हैं भीख मांगने वालों मे 72 फ़ीसदी यानी 2.68 लाख हिन्दू हैं और 25 फ़ीसदी यानी 92.760 मुस्लिम हैं इसको ऐेसे भी समझा जा सकता है कि हर 4 भीख मांगने वालों मे 1 मुस्लिम और 3 हिन्दू शामिल हैं।
अब आपको देवबंद की ही एक कवर स्टोरी जानना चाहिए देवबंद के मोहल्ला बैरीयान की एक मासूम सी बच्ची जिसकी उम्र लगभग 9 वर्ष होगी अक्सर लोगों के घरों मे भीख मांगते देखे जाने पर बच्ची से हमारे निजी संवाददाता ने बात की तो चौकाने वाले खुलासे मासूम सी बच्ची ने किए पता चला कि बच्ची का पिता नशे की लत का शिकार है।
जिस कारण पिता घर में किसी प्रकार का कोई खर्च नही देता है और मासूम सी बच्ची अपनी माँ और अपने पैट की आग को बुझाने के लिए अपना बचपन अपना भविष्य अपनी मासूमियत सब दर दर की ठोकरें खाने मे झोंक रही है ये सब आपको इस लिए बताना चाहता हूँ कि प्रोफेशनल भिकारीयों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और समाज को अपने आसपड़ोस मे ही जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचानी चाहिए।
रिपोर्ट - दीन रज़ा