देवबंद विद्युत विभाग मे फेला है भ्रष्टाचार का केंसर ( किस्त - 02)
- एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जीआई साहब इस्टिमेट वाला काग़ज़ खोजने मे कामयाबी हासिल नहीं कर पाए हैं
- ठेकेदारों के विभाग में जीआई साहब को क्यूं नहीं है विद्युत विभाग देवबंद के फिडर नंबर तीन मे हो कामों की जानकारी..?
- जनता के उत्पीड़न का जिम्मेदार कोन बिजली विभाग या ठेकेदार..?
देवबंद-- पिछली ख़बर मे हमने आपको बतया था कि केसे बिजली विभाग के अधिकारियों को ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कामों को भनक तक नहीं लगती है जीआई साहब ने जांच कराने के बाद अपना वर्जन देने की बात कही थी मगर एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जांच नहीं हो सकी है जीआई साहब नहीं बता पाए हैं कि किये गये काम का इस्टिमेट तय्यार हुआ था या नहीं हुआ था।
बता दें कि पूरा मामला नगर के फिडर नंबर तीन से जुड़ा हुआ है तलहेडी चुंगी मदनी मार्किट के ठीक पीछे बिना इस्टिमेट तय्यार किए करीब 300 मीटर की बैड क़रीब 6 माह पूर्व डाली गई थी जिसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि फैक्ट्री सामने होने के बावजूद बैड को पहले आगे लेजाया गया उसके बाद अगली गली से घुमा कर कनेक्शन फैक्ट्री के अंदर पहुंचा दिया गया घुमा-फिराकर तार डालने पर तो जीआई साहब बगले ही झांकते रहे थे कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा।
अब बड़ा सवाल यही है क्या विद्युत विभाग देवबंद को ठेकेदारों का विभाग मान लिया जाए विद्युत विभाग देवबंद के कारनामों की पड़ताल मे आगे आप को एबीसी के बारे में और बजट के बारे में भी जानकारी देंगे उसका इस्टिमेट बनाया गया है या नहीं सूत्रों से जानकरी मिली है इस्टिमेट उसका भी नहीं बनाया गया है।
फीडर नंबर तीन पर डाले गए सांठगांठ के बैड यानी बिजली फैक्ट्री मे पहुंचाने वाले तारों मे ठेकेदार द्वारा 50 हजार रुपए लेने की बात भी विश्वसनीय सूत्रों से सामने आई है जो कि जांच का विषय है विद्युत विभाग देवबंद के आला अधिकारियों की टीम कब इस भ्रष्टाचार पर नकेल डालेगी ये आने वाले समय में ही पता चल सकेगा। जारी...
रिपोर्ट - दीन रज़ा
शेष क्रमश: