जैन समाज द्वारा मनाया जाने वाला दशलक्षण आत्मा की शुद्धि पर जोर देता है

जैन समाज द्वारा मनाया जाने वाला दशलक्षण आत्मा की शुद्धि पर जोर देता है 

दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य पर महिला जैन मिलन द्वारा मंदिर जी प्रांगण में जैन कव्वाली का आयोजन किया गया

देवबन्द - जैन समाज के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला दशलक्षण पर्व एक बेहद ही पवित्र पर्व माना जाता है, जिसे दस दिनों तक मनाया जाता है। यह एक ऐसा पर्व है, जो आत्मा की शुद्धि पर जोर देता है। 

ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में इन दस लक्षणों का सही तरह से पालन करता है, उसे इस संसार व संसार के समस्त दुखों से मुक्ति मिल जाती है। 

हालांकि, सांसारिक जीवन में रहते हुए इन दस लक्षणों का पालन करना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि व्यक्ति का कहीं ना कहीं अशुभ कर्मों से भी सम्बन्ध हो जाता है। 

ऐसे में अगर व्यक्ति मन व वचन की शुद्धि के लिए इन दस दिनों में दस लक्षणों का पालन करे तो उसे विशेष लाभ प्राप्त होता है।दशलक्षण पर्व इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह पर्व किसी आडंबर में विश्वास नहीं करता है, बल्कि व्यक्ति को मन व वचन की शुद्धि करने पर जोर देता है।

इन दस दिनों में जैन धर्म के अनुयायी दस लक्षण उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन्य, उत्तम ब्रहमचर्य का पालन करते हैं।

इसी क्रम में देवबन्द जैन समाज द्वारा सुबह को भगवान का अभिषेक - पूजन करके व महिला जैन मिलन देवबन्द की महिलाओं द्वारा श्री दिगम्बर जैन मंदिर जी बाहरा में रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा रहे है। दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य पर महिला जैन मिलन द्वारा मंदिर जी प्रांगण में जैन कव्वाली का आयोजन किया गया। 

कव्वाली के उपरांत णमोकार महामंत्र जैन सभा (रजि.) देवबन्द की ओर से महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अजय जैन, श्री चन्द जैन, विजेंद्र जैन, मोनिश जैन, अश्वनी जैन, अंकित जैन, विपुल जैन, विभोर जैन, रीमा जैन, शिल्पी जैन, अर्चना जैन, सपना जैन, सुरभी जैन, संध्या जैन, सविता जैन, अक्षय जैन, अर्नव जैन समस्त जैन समाज उपस्थित रहा।

रिपोर्ट - दीन रज़ा / वेभाव कुमार







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