व्यापारियों की बैठक में नगर से कुत्तों को पकड़वाने की मांग

व्यापारियों की बैठक में नगर से कुत्तों को पकड़वाने की मांग

  • भौंक ने वाले या काटने वाले कुत्तों को पकड़ना है ये भी बताए संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल
  • ई-रिक्शों से लगता है नगर मे जाम या फ़िर व्यापरियों के अतिक्रमण से....? 
  • बुलन्द भारत और सम्राट टीवी 24 की टीम ने बीते लंबे समय से आवारा कुत्तों की समस्याओं पर लगातार नगर पालिका को जगाने का नाकाम प्रयास किया है 
  • समस्या जाम से है या ई-रिक्शाओं से... जाम से है तो खुद से अतिक्रमण मुक्त देवबंद कर बड़ी पहल करें व्यापारी 

देवबंद-- पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल की मासिक बैठक नगर कार्यालय जी0टी0 रोड पर संपन्न हुई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य बाजारों में सबसे ज्यादा समस्या ई-रिक्शाओ के आने से होती है ई रिक्शाओं के आने पर ही जाम लगता है। 

उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिशासीधिकारी डॉ धीरेंद्र राय को इस पर ध्यान देना चाहिए रात्रि के समय जब कोई अपने घर की तरफ जाता है तो कुत्तों का झुंड उसकी और झपटता है जिससे दुर्घटना होने के ज़्यादा चांस बने रहते हैं। 

सावधान.... देवबंद मे कुत्ते लौट आए हैं..........!

आवारा कुत्तों की मांग को रखते हुए ये नहीं बताया गया है कि कौन-से कुत्तों को पकड़ना है भौंक ने वाले या काटने वाले बस यही आने वाले समय में नगर पालिका का बहाना हो सकता है बीते सालों मे कभी आवारा कुत्तों की समस्याओं पर कोई काम नहीं हुआ है।

तो वहीँ ई-रिक्शाओं को लेकर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल और नगर के कुछ महान लोगों ने एसडीएम देवबंद को ज्ञापन तक दिया है क्या ई-रिक्शाओं की समस्या इतनी बड़ी ही गई है,,, या फ़िर समस्या जाम है।

विश्व विख्यात देवबंद नगर की शान कुड़ा कचरा और कुत्ते

नगर का हर नागरिक पूरी तरह जनता है कि जाम की समस्या बाजारों मे ही नहीं, भयला फाटक, MBD चौक, सुभाष चौक, रनखनडी फाटक, दारूल चौक, सरसटा बाजर, नैचलगड, कोई कोना नगर का एसा नहीं जहां जाम नहीं है मगर बात जाम की समस्या पर नहीं होकर ई-रिक्शाओ पर होती है।

जबकि नगर के प्रमुख मार्गों और मैन बाजर मे जाम की सारी जड़ अतिक्रमण है पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल को व्यापरियों से आग्रह करना चाहिए कि कोई भी अतिक्रमण कर जाम का कारण ना बने।

बधाई हो,,देवबन्द नगर मे तय्यार हो चुका है कूड़े का पहाड़

बाजारों मे और नगर के प्रमुख मार्गों पर दोनों ओर जो अतिक्रमण किया गया है उसको नज़र अंदाज करना ई-रिक्शा चालकों का उत्पीड़न है होना तो ये चाहिय था पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल व्यापार के एसे मोके नगर वासियों के लिये लाए की लोग ई-रिक्शाओ को छोड़ कर व्यापार की ओर चले जाएं फ्री तो ई-रिक्शा भी नहीं आती निवेश तो वहाँ भी होता है एसा हुआ तो शायद बाज़ारों मे जाम की समस्या से निजात मिल सकती है।





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